एक विद्युतचुंबकीय आकर्षण प्रकार का रिले _________पर संचालित होता
![एक विद्युतचुंबकीय आकर्षण प्रकार का रिले _________पर संचालित होता](http://storage.googleapis.com/tb-img/production/20/12/F1_Jai_4.12.20_Pallavi_D1.png)
A. स्पंदित DC
B. केवल AC
C. केवल DC
D. AC और DC दोनों
Please scroll down to see the correct answer and solution guide.
Right Answer is: D
SOLUTION
विद्युतयांत्रिक रिले:
ये रिले शक्ति प्रणाली की सुरक्षा के लिए प्रयोग किये जाने वाले रिले का सबसे प्रारंभिक रूप थे।
वे रिले के संचालन के कारण यांत्रिक बल के सिद्धांत पर कार्य करता है।
विद्युतयांत्रिक रिले का संचालन सिद्धांत निम्न हैं
- विद्युतचुंबकीय आकर्षण
- विद्युतचुम्बकीय प्रेरण
विद्युतचुंबकीय आकर्षण रिले:
आकृति: विद्युतचुंबकीय आकर्षित आर्मेचर रिले
- एक विद्युतचुंबकीय आकर्षण रिले वह विद्युतयांत्रिक रिले होता है जो विद्युतचुंबकीय आकर्षण के सिद्धांत पर संचालित होता है।
- जब भी प्रणाली में त्रुटि होती है, तो धारा ट्रांसफार्मर (C.T) द्वारा मापी गयी धारा अधिक होती है, वह अधिक धारा रिले संचालन कुण्डल को सक्रीय करेगी।
- अब, विद्युतचुम्बक द्वारा उत्पादित चुम्बकीय क्षेत्र बहुत उच्च होता है। इसलिए, यह ट्रिप परिपथ संपर्कों के साथ संपर्क बनाते हुए गतिमान आर्मेचर को आकर्षित करता है।
- फिर परिपथ वियोजक स्वस्थ खंड से दोषपूर्ण खंड को अलग करेंगे।
- निरोधक बल को सटीक रूप से सामान्य स्थितियों के तहत रिले संचालन को बाधित करने के लिए संचालित बल की विपरीत दिशा में उत्पादित किया जाना होता है। स्प्रिंग इनके निरोधक बल प्रदान करती है।
- इस प्रकार के रिले का प्रयोग AC और DC दोनों रिले उद्देश्यों के लिए किया जायेगा।
विद्युतचुंबकीय आकर्षण रिले के संचालन बलाघूर्ण को निम्न द्वारा ज्ञात किया गया है
\({{\bf{T}}_{{\bf{op}}}} = \frac{1}{4}\frac{{dL}}{{dx}}.I_m^2\)
विद्युतचुंबकीय रिले के परिणामी बलाघूर्ण को निम्न द्वारा ज्ञात किया गया है
TR = K1 I2 - K
चूँकि उत्पादित संचालन बलाघूर्ण धारा के वर्ग के समानुपाती होता है। इसलिए विद्युतचुम्बकीय आकर्षण रिले का प्रयोग a.c व d.c दोनों के लिए किया जा सकता है।
सूचना:
- विद्युतचुंबकीय प्रेरण रिले केवल AC रिले उद्देश्यों के लिए लागू होता है।
- प्रेरण रिले का प्रयोग विपरीत समय वाली अतिधारा रिले के रूप में किया जा सकता है।