निम्नलिखित में से किस वंश के शासकों ने स्वयं को देवतुल्य माना और

निम्नलिखित में से किस वंश के शासकों ने स्वयं को देवतुल्य माना और
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निम्नलिखित में से किस वंश के शासकों ने स्वयं को देवतुल्य माना और 'देवपुत्र' या 'देवताओं का पुत्र' की उपाधि प्राप्त की?

A. मौर्य

B. गुप्त

C. कुषाण

D. शक

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Right Answer is: C

SOLUTION

सही उत्तर कुषाण है

  • कुषाण वंश (प्रथम शताब्दी ई.- तीसरी शताब्दी ई.):
    • कुजुल कडफिसेस भारत में कुषाण वंश की नींव रखने वाले पहले युझी प्रमुख थे।
    • दूसरे राजा वेमा कडफिसेस थे जिन्होंने सोने के सिक्के जारी किए।
    • सबसे प्रसिद्ध कुषाण शासक कनिष्क (78 AD-101AD) था
      • कनिष्क को 'द्वितीय अशोक’ के नाम से भी जाना जाता था।
      • उन्होंने 78 ई. में शक युग की शुरुआत की।
      • कुषाणों ने प्रसिद्ध रेशम मार्ग को नियंत्रित किया।
      • इनके शासनकाल के दौरान चौथे बौद्ध संगति का आयोजन कश्मीर के कुंडलवन में हुआ था।
      • उनके वंशजों ने उन्हें देवपुत्र कहा जिसका अर्थ है देवताओं का पुत्र
  • गुप्त वंश की स्थापना श्री गुप्त ने की थी और उन्होंने महाराजा, महाराजाधिराज, कविराज, विक्रमादित्य आदि की उपाधि धारण की थी।
  • चंद्रगुप्त मौर्य (321 - 297 ईसा पूर्व):
    • वह मौर्य वंश का संस्थापक था।
    • ग्रीक यात्री मेगस्थनीज ने चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार का दौरा किया।
    • मेगस्थनीज यूनानी राजदूत था।
    • वह जैन भिक्षु भद्रबाहु के साथ श्रवणबेलगोला में चले गए थे।
  • रुद्रदामन प्रथम (शासनकाल 130 ई.- 150 ई.) को शक शासकों में सबसे महान माना जाता है।
    • उन्होंने "महाक्षत्रप" ("महान क्षत्रप") की उपाधि धारण की।